SAD SHAYARI IN HINDI
वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल,उदास करती हैं मुझको निशानियाँ तेरी !
ऐ दिल तू क्यों रोता है,ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता है !
अधूरे चांद से फरियाद तो करता होगा,वो मुझे ज्यादा नही पर याद तो करता होगा !
बड़ी अजीब होती हैं ये यादें,कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं !
दिल ने सोचा था की टूट कर चाहेंगे उसे,सच मनो टूटे भी बहुत और चाहा भी बहुत !
अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी है,सवाल भी खुद के होते है,और जवाब भी खुद के !
एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने सेअब वो भी टूट गयी,वफादारी की आदत थी हमे,अब शायद वो भी छूट गई !
तेरे हर सवाल का जवाब सिर्फ यही है,हां मैं गलत हूँ और तू सही है !
अजीब हैं मेरा अकेलापनन तो खुश हूँ न ही उदास हूँ,बस खाली हूँ और खामोश हूँ !
मुझे किस्मत से शिकवा तो नहीं लेकिन ऐ खुदा,वो जिंदगी में क्यों आया जो किस्मत में नहीं था !
देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ,हमपे नजर पड़ी तो वो महफिल से उठ गए !
सारी दुनिया को छोड़कर,जिसको मैंने अपनाया उसी,शख्स ने इस दिल को तड़पाया !
दिन हुआ है, तो रात भी होगी,मत हो उदास उससे कभी बात भी होगी,वो प्यार है ही इतना प्यारा,जिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी !
रहना चाहते थे साथ तुम्हारे,पर इस जमाने ने रहने न दिया,कभी वक्त की खामोशी में खामोश रहे,तो कभी उनकी खामोशी ने,कुछ कहना न दिया !
किस्मत ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम,बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गए हम,किसी ने विश्वास तोड़ा तो किसी ने दिल,और लोग कहते हैं की बदल गए हैं हम !
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,अधूरी हो सकती है मगर खत्म नही
वो दर्द दे गए सितम भी दे गएजख्म के साथ वो मरहम भी दे गएओ लफ्जो से कर गए अपना मन हल्काहमे कभी न रोने की कसम दे गए !
उदास कर देती है हर रोज ये शाम मुझे,लगता है कोई भूल रहा धीर-धीरे मुझे
दिल मे आरजू के दिये जलते रहेगे,आँखों से मोती निकलते रहेगे,तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो,हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे !
ऐ दिल तू क्यों रोता है,ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता है !
इश्क सभी को जीना सिखा देता है,वफा के नाम पर मरना सिखा देता है,इश्क नही किया तो करके देखो,जालिम हर दर्द सहना सिखा देता है !
हमें नही आती है साहब किसी और की बुराईक्योकि हमें तो दुनिया वालो ने,पहले से ही बदनाम किया हुआ है !
तुम लाना दर्द, हम खुशी लायेंगे,तुम्हारी हर वेवफाई को वफा से निभायेंगे !
ऐसे लोगों के सपने देखने का,कोई मतलब ही नहीं जिन्हें तुम्हारे,मैसेज तक पढ़ने की फुर्सत ना हो !
जिसे हम भगवान की दुआ समझते थे,वो तो किसी पुराने जन्म का पाप निकला !
किसी ने धूल क्या झोंकी आखों में,पहले से बेहतर दिखने लगा है !
जिसने जितना वक्त दिया था,हमने सब संभाल के रखा है,किसी दिन फुर्सत से अदा करूंगा !
रोती हुई आंखें कभी झूठ नहीं बोलती,क्योंकि आसू तभी आते हैं,जब कोई अपना दर्द देता है !
दिल तो हमारा वो आज भी बहला,देते है फर्क सिर्फ इतना है पहले हँसा,देते थे अब रुला देते है !
जाने कैसी नजर लगी जमाने की,अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की !
जिस नजाकत से लहरें पैरों को छूती हैं,यकीन नही होता कि इन्होने,कभी कश्तियाँ भी डुबाई होंगी !
जरा खुद ही सोचो क्या गुजरेगी उस दिन तुम पर,जब तुम चाहोगी मुझे मेरी तरह,और मै छोड़ दूंगा तुझे तेरी तर !
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गएकिसी को लग ना जाएइसलिए सबसे दूर हो गए !
टूटे दिल को लेकर अब कहाँ जायेंगे,यहीं रहेंगे गम से निभायेंगे !
खुश नसीब होते हैं बादल,जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते हैं !
Sad Shayari In Hindi 2 line
आखों में उम्मीद दी दिल मे थी आशा,मुझे तुमसे मोहब्बत थी,दिल टूटा तो हाथ लगी निराशा !
वो मुझसे बिछड़ा तो बिछड़ गई जिंदगी,मैं जिंदा तो रहा मगर जिन्दों में न रहा !
अगर आंसू निकल आए तो खुद पोंछ लेना क्योंकि लोग पूछने भी आएंगे तो सौदा करेंगे ।
ना साथ है किसी का, ना साथ है कोई, ना हम है किसी के और ना ही हमारा है कोई ।
एक कांच का टुकड़ा यह कहकर टूट रहा है की किसी पत्थर ने उसकी हिफाजत का वादा किया था ।
चुभता तो मेरे दिल में भी है बहुत कुछ तीर की तरह , पर फिर भी खामोस हूँ मैं अपनी तकदीर की तरह !!
जब तकदीर ही तकलीफ की कलम से लिखा उस खुदा ने तो फिर किसी को क्या दोष दे ।
सभी कहते हैं रोने से इंसान कमजोर बनता है, गलत कहते हैं वो, उन्हें क्या पता रो रो कर टूटा हुआ इंसान ही सबसे मजबूत बनता है ।
ये खुदगर्ज जमाना है साहब किसी की आदत ना डालो, कब कौन साथ छोड़ जाए कुछ पता नहीं ।
बहुत नाज था हमे खुद पर कि सब हमारी कदर करते हैं, दुख में जब खुद को अकेला पाया तब पता चला हमें सब मतलबी थे हमारी कदर करने वाले |
अब छोड़ दिया हमने भी सबको बताना की मुझे भी heart होता है , क्योंकि मेरी fillings समझने वाला कोई नही है मेरे पास ।
शायद अब कभी ना लौट पाऊं में खुशियों के बाजार में क्योंकि गम ने ऊंची बोली लगाकर खरीद लिया है मुझे ।
गुनाह हमने किया हैं तो तबाह भी हम ही होंगे, अपनी इस बर्बादी की वजह भी हम होंगे । किसी को हक नहीं मेरी जिंदगी के फैसले करने का, सुनवाई भी हम करेंगे और गवाह भी हम ही होंगे ।।
काश कोई होता मेरा भी , जो कहता रोया मत कर ! तेरे रोने से तकलीफ मुझें भी होती है !!
किसी के मीठे बोल हैं तो किसी की नियत में झोल है , साहब ! ये दुनिया गोल है यहां सबके डबल रोल हैं ।
सबको खुश रखने की एक छोटी सी गलती ने जिंदगी जीना सिखा दिया हमें । कौन अपना कौन पराया एक पल में बता गया मुझे ।।
तेरी फितरत है ऐसी क्यों है ए जिंदगी लगती रुई सी है पर चुभती सुई सी क्यों ।
मेरे ज़रूरत और हालात की परवाह नहीं किसी को सब मुझे गलत ठहराने पर तुले हुए हैं । अगर कुछ कहूं तो भी गलत, कुछ ना कहूं तो भी गलत !!
बहुत बोलने वाला इंसान अगर अचानक चुप हो जाए तो समझ लेना की दिल❤️ में चोट बहुत गहरी लगी है ।
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शिकायत करने से खामोश रहना बेहतर है , जब किसी को फर्क नहीं पड़ता मेरे होने या ना होने से तो फिर शिकायत कैसी !
अधूरी सी है जिंदगी, कुछ अधूरा ख़्वाब है !ख़ुशियाँ थोड़ी है पर दर्द बेहिसाब है !कोई ज़ख्म देता है तो कोई ज़ख़्मों को हवा देता हैजो भी मिलता है दर्द को मेरे और भी बढ़ा देता है !!
तुझसे अब शिकवा ही क्या करूं ऐ जिंदगी जो भी मिलता है दग़ा दें जाता है ।
किसी को कोई फर्क नही पड़ता कि आप किन हालातो में जी रहे है आपको खुद ही अपने हालात बदलने होंगे ।
ना जाने किस मोड़ पे आके रुक गयी है मेरी ये जिंदगी, कुछ बोलू तो भी गलत और कुछ ना बोलूं तो भी गलत ।
सता ले ऐ जिंदगी मुझे , जितना सताना है , मुझे कौनसा इस दुनिया में दुबारा आना है ।
सही कहा है किसी ने, अजनबी रहना ही ठीक हैं इस दुनिया में , बहुत तकलीफ देता हैं हर कोई अक्सर अपना बनाकर ।
जिंदगी में जो भी मिला हमें सब खिलाड़ी हैं निकला, कोई दिल से खेल गया तो कोई जिंदगी से ।
वक्त ने दिखा दिया हमें सबकी हकीकत वरना हम तो वो थे जो सबको अपना समझते थे ।ऐसे लोगों को अपना समझा हमने, जिन के दिल में भी दिमाग होता है ।
उसने जाते-जाते बड़े ही गुरुर से कहा बहुत मिलेंगे तुम्हारे जैसे, तो फिर मैंने भी उससे मुस्कुराते हुए पूछ ही लिया मुझ जैसा ही क्यों चाहिए ।
बहुत हसीन रही थी नजदीकियां हम दोनों की फासले तो यक़ीनन जानलेवा होने ही थे !!
हमको किसी पे एतबार बहुत था इस दिल में किसी के लिए प्यार बेहिसाब था । करता था में हर पर जिसकी वफा की बातें वो सक्स गद्दार बहुत था ।वो मोहब्बत भी तेरी थी, वो नफरत भी तेरी थी ।अपनापन और ठुकराने की अदा भी तेरी थी ।
हम अपनी वफा का इंसाफ किससे मांगते वो शहर भी तेरा था और अदालत भी तेरी थी ।
खता उनकी कोई भी न थी , शयद हम ही गलत समझ बैठे , वो तरश खा कर बात किया करते थे , और हम थे कि उसे मोहब्बत समझ बैठे ।
ऐ खुदा मुझे किसी के दिल पर बोझ मत बनने देना, जो मुझसे दूर होना चाहे मुझे उससे पहले दूर कर देना !!
काश कोई होता हमारा भी जो गले से लगाकर पूछता हमें , क्यों इतने उदास रहते हो आज कल ।मेरे अलावा काफी लोग हैं उसकी जिंदगी में, अब में रहूं या ना रहूं क्या फर्क पड़ेगा उसे ।
अब कहना भी छोड़ दिया हमने कि तुम मुझसे बात करो । जब मेरे रोने से तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ता , तो मेरे होने या ना होने से क्या फर्क पड़ेगा ।
हां टूट गया मेरा ख्वाब सारा, तो क्या हुआ । जख्म दे गया गुलाब तो क्या हुआ ।
उसको भुलाने की कोशिश में थोड़ा पीने लगा हूं शराब, तो क्या हुआ ।
अगर खुश हो तुम हमसे दूर रहकर, तो हम दुआ करते हैं कि तुम्हारी खुशी कभी कम ना हो ।उदास कर देती है हर रोज ये शाम हमें, ऐसा लगता है कोई भूल रहा है हमें धीरे धीरे !!
टूट गया ये दिल हमारा अब सवाल क्या करें खूद ही किया था पसंद तो फिर बवाल क्या करें ।
तुम दूर ही रहो हमसे लेकिन खुश रहा करो जिससे मन करे उस से बात किया करो । हमारा क्या है हम तो कल भी अकेले थे और आज भी अकेले हैं !
जिसको आज हजारों कमियां नजर आती है मुझमें, कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो सिर्फ मेरे हो ।
बहुत चाहा उसे लेकिन पा ना सके । ख्यालों में किसी और को ला ना सके । उसको देख कर आंसू तो पोछ लिए हमने पर किसी और को देख कर मुस्कुरा ना सके !!
अभी हाथ छोड़ कर जा रहे हो , मगर एक दिन इस हाथ को थमने के लिए तरस जाओगे ।
ना कोई हमदर्द, ना ही कोई दर्द था, अचानक एक हमदर्द मिला फिर उसी से हर एक दर्द मिला ।
मैने लोगों को खुद से दूर जाते देखा है , जिस पर भरोसा किया , उसी को नज़रे चुराते देखा है । क्यों न सोचूं खुद के बारे में अब में, अपनो के बीच भी , मैंने खुद को अकेले रोते देखा है ।
बनाकर मरीज- ए इश्क़ हमें उस मोड़ पर छोड़ दिया उसने । कभी कहते थे देंगे साथ जिन्दगी भर तुम्हारा, फिर एक पल में ही दिल को तोड़ दिया उसने ।
एक खूबसूरत सा रिश्ता कुछ यूँ ख़त्म हो गया हमारा , वो नजरअंदाज करते रहे और हम उससे दूर होते गए ।जब तुम मेरे शब्द ही नहीं समझ पाए तो अब खामोशी क्या समझोगे ।
तुम्हें मोहब्बत कहां थी तुम्हें तो सिर्फ़ आदत थी हमारी, मोहब्बत होती तो हमारा पल भर का बिछड़ना भी तुम्हें सुकून से जीने नहीं देता हमें छोड़ना तो बहुत दूर की बात है ।
मैंने तुझे उस वक़्त चाहा जब तेरा कोई नहीं था और तूने मुझे उस वक़्त छोड़ दिया जब तेरे सिवा मेरा कोई और न था ।
दुनिया की सारी हदें पार की थी हमने कभी किसी के लिए , आज उसी ने सिखा दिया हमें हद में रहना !
कभी उस इंसान को दर्द मत देना जो तुम्हें दिल से चाहता हो । वरना एक दिन ऐसा आएगा जब दिल तो हर किसी के पास होगा लेकिन दिल से चाहने वाला नहीं ।
नफरत न करना हमसे, हमे भी बुरा लगेगा । बस प्यार से कह देना तेरी जरुरत नही है अब मुझे ।
किसी ने सच ही कहा था हमें कि वो इंसान आपका मोल कभी नहीं समझ पायेगा जिसके लिये आप हमेशा हाजिर रहते हों ।
खुश हैं वो हमें याद ना करके , हंस रहे है वो हमसे बात ना करके । उनके होंठों से ये हॅंसी कभी ना जाए खुदा करे की वो हमारे मौत पे भी मुस्कुराए ।
कभी वक़्त मिले तो सोचना जरूर ! वक़्त और प्यार के अलावा तुमसे मांगा ही क्या था हमने कि इस तरह रूला गये तुम हमें !
अखिर तुमने ” अहसास ” करा ही दिया मुझे , कुछ नहीं हूँ मैं “तुम्हारे लिए” !!
जिंदगी ने हमें कभी नहीं रुलाया, मुझे रूलाया तो उन लोगों ने जिन्हें हम अपनी जिंदगी समझ बैठे थे ।
मेरे दिल का दर्द किसने देखा है, मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है, हम तन्हाई में अकेले बैठे रोते हैं पर लोगों ने हमें महफ़िल में हँसते देखा है ।
एक कांच का टुकड़ा यह कहकर टूट रहा है की किसी पत्थर ने उसकी हिफाजत का वादा किया था ।
चुभता तो मेरे दिल में भी है बहुत कुछ तीर की तरह , पर फिर भी खामोस हूँ मैं अपनी तकदीर की तरह !!
जब तकदीर ही तकलीफ की कलम से लिखा उस खुदा ने तो फिर किसी को क्या दोष दे ।
सभी कहते हैं रोने से इंसान कमजोर बनता है, गलत कहते हैं वो, उन्हें क्या पता रो रो कर टूटा हुआ इंसान ही सबसे मजबूत बनता है ।
ये खुदगर्ज जमाना है साहब किसी की आदत ना डालो, कब कौन साथ छोड़ जाए कुछ पता नहीं ।
बहुत नाज था हमे खुद पर कि सब हमारी कदर करते हैं, दुख में जब खुद को अकेला पाया तब पता चला हमें सब मतलबी थे हमारी कदर करने वाले |
गुनाह हमने किया हैं तो तबाह भी हम ही होंगे, अपनी इस बर्बादी की वजह भी हम होंगे । किसी को हक नहीं मेरी जिंदगी के फैसले करने का, सुनवाई भी हम करेंगे और गवाह भी हम ही होंगे ।।
काश कोई होता मेरा भी , जो कहता रोया मत कर ! तेरे रोने से तकलीफ मुझें भी होती है !!
किसी को कोई फर्क नही पड़ता कि आप किन हालातो में जी रहे है आपको खुद ही अपने हालात बदलने होंगे ।
ना जाने किस मोड़ पे आके रुक गयी है मेरी ये जिंदगी, कुछ बोलू तो भी गलत और कुछ ना बोलूं तो भी गलत ।सता ले ऐ जिंदगी मुझे , जितना सताना है , मुझे कौनसा इस दुनिया में दुबारा आना है ।
सही कहा है किसी ने, अजनबी रहना ही ठीक हैं इस दुनिया में , बहुत तकलीफ देता हैं हर कोई अक्सर अपना बनाकर ।
जिंदगी में जो भी मिला हमें सब खिलाड़ी हैं निकला, कोई दिल से खेल गया तो कोई जिंदगी से ।
वक्त ने दिखा दिया हमें सबकी हकीकत वरना हम तो वो थे जो सबको अपना समझते थे ।
ऐसे लोगों को अपना समझा हमने, जिन के दिल में भी दिमाग होता है ।
उसने जाते-जाते बड़े ही गुरुर से कहा बहुत मिलेंगे तुम्हारे जैसे, तो फिर मैंने भी उससे मुस्कुराते हुए पूछ ही लिया मुझ जैसा ही क्यों चाहिए ।
बहुत हसीन रही थी नजदीकियां हम दोनों की फासले तो यक़ीनन जानलेवा होने ही थे !!
हमको किसी पे एतबार बहुत था इस दिल में किसी के लिए प्यार बेहिसाब था । करता था में हर पर जिसकी वफा की बातें वो सक्स गद्दार बहुत था ।
वो मोहब्बत भी तेरी थी, वो नफरत भी तेरी थी ।अपनापन और ठुकराने की अदा भी तेरी थी ।
हम अपनी वफा का इंसाफ किससे मांगते वो शहर भी तेरा था और अदालत भी तेरी थी ।
खता उनकी कोई भी न थी , शयद हम ही गलत समझ बैठे , वो तरश खा कर बात किया करते थे , और हम थे कि उसे मोहब्बत समझ बैठे ।
ऐ खुदा मुझे किसी के दिल पर बोझ मत बनने देना, जो मुझसे दूर होना चाहे मुझे उससे पहले दूर कर देना !!
काश कोई होता हमारा भी जो गले से लगाकर पूछता हमें , क्यों इतने उदास रहते हो आज कल ।
मेरे अलावा काफी लोग हैं उसकी जिंदगी में, अब में रहूं या ना रहूं क्या फर्क पड़ेगा उसे ।
अब कहना भी छोड़ दिया हमने कि तुम मुझसे बात करो । जब मेरे रोने से तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ता , तो मेरे होने या ना होने से क्या फर्क पड़ेगा ।
हां टूट गया मेरा ख्वाब सारा, तो क्या हुआ । जख्म दे गया गुलाब तो क्या हुआ ।उसको भुलाने की कोशिश में थोड़ा पीने लगा हूं शराब, तो क्या हुआ ।
अगर खुश हो तुम हमसे दूर रहकर, तो हम दुआ करते हैं कि तुम्हारी खुशी कभी कम ना हो ।उदास कर देती है हर रोज ये शाम हमें, ऐसा लगता है कोई भूल रहा है हमें धीरे धीरे !!
टूट गया ये दिल हमारा अब सवाल क्या करें खूद ही किया था पसंद तो फिर बवाल क्या करें ।
तुम दूर ही रहो हमसे लेकिन खुश रहा करो जिससे मन करे उस से बात किया करो । हमारा क्या है हम तो कल भी अकेले थे और आज भी अकेले हैं !
जिसको आज हजारों कमियां नजर आती है मुझमें, कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो सिर्फ मेरे हो ।
बहुत चाहा उसे लेकिन पा ना सके । ख्यालों में किसी और को ला ना सके । उसको देख कर आंसू तो पोछ लिए हमने पर किसी और को देख कर मुस्कुरा ना सके !!
अभी हाथ छोड़ कर जा रहे हो , मगर एक दिन इस हाथ को थमने के लिए तरस जाओगे ।
ना कोई हमदर्द, ना ही कोई दर्द था, अचानक एक हमदर्द मिला फिर उसी से हर एक दर्द मिला ।
मैने लोगों को खुद से दूर जाते देखा है , जिस पर भरोसा किया , उसी को नज़रे चुराते देखा है । क्यों न सोचूं खुद के बारे में अब में, अपनो के बीच भी , मैंने खुद को अकेले रोते देखा है ।
बनाकर मरीज- ए इश्क़ हमें उस मोड़ पर छोड़ दिया उसने । कभी कहते थे देंगे साथ जिन्दगी भर तुम्हारा, फिर एक पल में ही दिल को तोड़ दिया उसने ।
एक खूबसूरत सा रिश्ता कुछ यूँ ख़त्म हो गया हमारा , वो नजरअंदाज करते रहे और हम उससे दूर होते गए ।जब तुम मेरे शब्द ही नहीं समझ पाए तो अब खामोशी क्या समझोगे ।
तुम्हें मोहब्बत कहां थी तुम्हें तो सिर्फ़ आदत थी हमारी, मोहब्बत होती तो हमारा पल भर का बिछड़ना भी तुम्हें सुकून से जीने नहीं देता हमें छोड़ना तो बहुत दूर की बात है ।
मैंने तुझे उस वक़्त चाहा जब तेरा कोई नहीं था और तूने मुझे उस वक़्त छोड़ दिया जब तेरे सिवा मेरा कोई और न था ।
दुनिया की सारी हदें पार की थी हमने कभी किसी के लिए , आज उसी ने सिखा दिया हमें हद में रहना !
कभी उस इंसान को दर्द मत देना जो तुम्हें दिल से चाहता हो । वरना एक दिन ऐसा आएगा जब दिल तो हर किसी के पास होगा लेकिन दिल से चाहने वाला नहीं ।
नफरत न करना हमसे, हमे भी बुरा लगेगा । बस प्यार से कह देना तेरी जरुरत नही है अब मुझे ।
किसी ने सच ही कहा था हमें कि वो इंसान आपका मोल कभी नहीं समझ पायेगा जिसके लिये आप हमेशा हाजिर रहते हों ।
खुश हैं वो हमें याद ना करके , हंस रहे है वो हमसे बात ना करके । उनके होंठों से ये हॅंसी कभी ना जाए खुदा करे की वो हमारे मौत पे भी मुस्कुराए ।
कभी वक़्त मिले तो सोचना जरूर ! वक़्त और प्यार के अलावा तुमसे मांगा ही क्या था हमने कि इस तरह रूला गये तुम हमें !
अखिर तुमने ” अहसास ” करा ही दिया मुझे , कुछ नहीं हूँ मैं “तुम्हारे लिए” !!
चाहा था मैंने हर खुशी नसीब हो, हर दिल मंजिल के करीब हो पर वहां क्या करे कोई जहाँ बंदा खुद बदनसीब हो ।
सारी रात ना सोये हम, रात को उठके रोये हम … बस एक बार कसूर बता दें मेरा, इतना प्यार करके भी क्यूँ ना उसके हुए हम ।
दर्द बहुत है इस दिल में पर अब शिकवा किसी से नही, हम रो रहे है जिनकी यादों में वो मुस्कुरा रहे है किसी की बातों में ।
मेरी इस जिंदगी को एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से अब वो भी टूट गयी ,वफादारी की आदत थी हमे पर शायद अब वो भी छूट गई ।
बहुत झूठा निकला वो शख्स । जो कहता था मुझे हर पल , हम जीवन भर साथ रहेंगे ।
बहुत गिड़गिड़ाए हम तुम्हारे सामने अब और नहीं, तुझे तेरा हमसफर मुबारक और मुझे मेरा अधूरा इश्क !!
बहुत दर्द होता है जब मैं अपनी जान को किसी और के साथ देखता हूं !!अरे नवाबों के नवाब थे हम भी, हक़ीर हो गये ।एक यार की खातिर फ़क़ीर हो गये ।
कुछ साबित नहीं करना अब मुझे तेरे सामने ,तेरे हर एक सवाल का जवाब अब यही है हां में गलत हूं, और तू सही है ।
न्यू सैड शायरी
बहुत मुश्किल होता है उस इंसान से दूर होना जिसे पाने के लिए रात-दिन दुआ मांगा है हमने ।
बहुत दुख होता है हमें भी अब, यह सोचकर किहम सारा दिन उन्हें याद करते हैं जिन्हें एक पल के लिए भी हमारी याद नहीं आती ।
सीने पे तीर खाके भी अगर कोई मुस्कुरा दे तो निशाना लाख अच्छा मगर बेकार जाता है ।।
लोग मुन्तजीर ही रहे हमारे खातिर कि हमें डूबा हुआ देखे और हम थे कि दर्द सहते सहत पत्थर के हो गए !!
तन्हा रहना तो सीख लिया हमने भले ही लेकिन खुश कभी ना रह पाएंगे , तेरी दूरी को तो फिर भी सह लिया इस दिल ने , लेकिन तेरी मोहब्बत के बिना शायद जी ना पायेंगे ।
आज खुदा ने फिर पूछा हमसे , तेरा हंसता हुआ चेहरा उदास क्यो है,
तेरी आँखों में प्यास क्यो है , जिसके पास तेरे लिए वक़्त नही , वही तेरे लिए खास क्यो है ।
अब उस खुदा को कैसे बताऊं मैं, कि उसी की जान में ही तो मेरी जान बसती है ।
रात भर भटकता रहा मेरा ये मन मोहब्बत के पते पे , चाँद कब सूरज मे बदल गया पता ही नहीं चला मुझे !!फालतू के ख़्वाब देखे थे हमने , अब आंखें भी ताने मारती है !
सुकून की तलाश में निकले थे हम कहीं , दर्द चीख कर बोला औकात भूल गए क्या तू अपनी ।
अपने उसूलों को भी तोड़ना पड़ा हमें जहां हमारी गलती ना थी वहां भी हाथ जोड़ना पड़ा मुझे !
हिम्मत नही रहा अब हमें खुद को साबित करने का, अब तो जो जैसे समझे उसके लिए वैसा हूं मैं ।
मेरी क़िस्मत की बात मत करना दोस्तों , मैने तो वो ज़ख्म भी खाए हैं जो मेरे लकीरों में थे ही नही ।
खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गये हम , ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता ।
अकेला इस तरह पड़ गया हूं में जिंदगी में, कि अब मेरा हौसला भी मेरा साथ देने को तैयार नहीं ।।
मांगने वाला था में तुझे उस खुदा से सातो जनम के लिए, वो तो अच्छा हुआ मांगने से पहले ही तुमने अपना रंग दिखा दिया !!
मिलकर भी सुलझा न पाएगा ये सारा ज़माना ग़म मेरा , क्यों मेरे वक्त ने मुझे कुछ ज़्यादा ही ठोकरें दी है !!
चेहरा हमेशा हॅंसता हुआ मिलेगा मेरा ! अगर हाल पूछना हो तो अकेले में पूछना !
दुनिया की दिल दुखाने की आदत ना गई हमारी तो मुस्कुराने की आदत ना गई ।
एक हम थे जो उनसे उमर भर वफ़ा करते रहे एक वो थे और एक वो थे जिनकी आज़माने की आदत ना गई !!
बहुत आसान है रोना दर्द में , मगर दर्द को अंदर छुपाकर मुस्कुराना बहुत मुश्किल है !!
कोशिशें तो मैने हजार की तुझे भुलाने की , मगर हर पल इस दिल में तू ही याद आ जाया करती है ।
गलती हमारी ही थी जो हम उनसे कुछ ज्यादा ही बात करने लगे ।
जब हमें उनकी आदत हो गई तो फिर वो हमें नजर अंदाज करने लगे ।
किसी को चाह कर भी न पाना दर्द देता है लेकिन पा कर भी खो देना जिंदगी को तबाह कर देता है ।
दिल का ये दर्द मेरा सब नही समझेंगे और सबको समझा भी नही पाएंगें ।
ठीक हैं , अगर सब साथ नहीं हम सबको मना भी तो नहीं पाएंगे ।
बिखर जाते हैं अक्सर वे लोग सर से पांव तक जो, किसी बेवफा से बेपनाह मोहब्बत करते हैं !!
बहुत शिकायतें थी हमें लोगों से पर जब पता चला साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती एक दिन तो शिकायत लोगों से किस बात की ।
अक्सर वही लोग छीन लेते हैं मुस्कान चेहरे की , जिन्हें पता होता है वो जरूरी है हमारे लिए !!
इश्क चख लिया था जनाब हमने इत्तफ़ाक से , ज़बान पर आज भी दर्द के छाले हैं !
तेरी कामयाबी पर तारीफ , लेकिन तेरी कोशिश पर ताना होगा , तेरे दुःख में होंगे सिर्फ कुछ लोग, लेकिन तेरे सुख में सारा जमाना होगा ।
हर किसी की नजर में मुमकिन नहीं हैं साहब बेगुनाह रहना । बस वादा ये करो की खुद की नजर में बेदाग रहें !!
तन्हा है सफर, अधूरी है मंज़िल फिर भी कोई बात नहीं, सब हैं मेरे पास मगर, बस एक तेरी ही कमी है ।।
बहुत अकेला कर दिया है मेरे अपनो ने मुझे , समझ नहीं आता कि मैं बुरा हूँ या मेरी किस्मत
जरासा बुखार आने पर पुरा घर सर पे उठा लेने वाला वो लड़का, अब कितनी भी परेशानी हो चुपचाप सो जाता है ।।
कोई क्या समझे उस दुख की हक़ीक़त , जिसमे पहले पाने की फिर भूलने की दुआ की जाये ।।
नाराज हुई बैठी है शायद वो हम से , लोग जिसे क़िस्मत कहते है ।
मुकाम वो चाहिए की जिस दिन भी हारूं में, उस दिन जितने वाले से ज्यादा मेरे हार के चर्चे हो ।
छीन लेता है क्यों हर चीज मुझसे ए खुद, क्या तू मुझसे भी ज्यादा गरीब है ।
आँसू आ जाते है रोने से पहले , ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले ।
लोग कहते हैमोहब्बत गुनाह है , काश कोई रोक लेते हमें गुनाह करने से पहले ।
चेहरे पर एक और चेहरा लगाना पड़ता है , में ठीक हूं कह कर मुस्कुराना भी पड़ता है !!
प्यार कर के कोई जताये ये जरूरी तो नहीं, याद कर के कोई बताते, ये जरूरी तो नहीं ।
रोने वाले तो दिल में – ही रो लेते हैं अपने, कभी आंख में आंसू आए ये जरूरी तो नहीं ।
रात को रो कर सोना और सुबह किसी को महसूस भी ना होने देने का हूनर भी सीख लिया हमने दर्द को सहते सहते !!
जिसने भी दिया है एक कतरा भी साथ हमारा अगर जिंदगी रही तो समंदर लौटाएंगे उसे ।।
मत खोल मेरी उस पुरानी किताब को एऐ दोस्त, हर उस शख्स ने दिल दुखाया है मेरा , जिसपर मुझे एतबार था ।।
बहुत दुख होता है हर पल मुझे, एक अजीब सी बात से कि मेरे ही पसंद के लोगों ने मुझे सबसे ज्यादा जलील किया है !!
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से ये जिंदगी रूकती नहीं है लेकिन वह ये कभी नहीं सोचते कि हजारों के आ जाने से भी उस एक की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती ।
किस्मत ने ऐसा जुल्म किया हम पर , की शौक करने की उम्र में सब्र करना सीख लिया हमने ।
खेल रही हैं ये जिंदगी मेरे साथ , वजह ये हैं की हम हार नहीं मानते ।
सब नाराज है मेरे behavior से, पर मेरे हालात से कोई वाकीफ नही ।
पानी मे तेरते हुए महसूस किया हमने कि, हमें गहाराई नहीं खालीपन खींचता है तब पता चला हमें कि खालीपन सबसे ख़तरनाक होता है ।
अब हर किसी को अच्छा समझना छोड़ दिया हमने क्योंकि हर उस इंसान ने भरोसा तोड़ा मेरा जिसपर मुझे भरोसा था !!
ज़िन्दगी के रंगमंच पे अपना किरदार इतनी शिद्दत से निभाओ की पर्दा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहे ।।
सोचा था बताएंगे सब दर्द तुमको पर तुमने तो ये भी ना पूछा , कि ख़ामोश क्यों हो !!
सूखे पत्तों की तरह बिख गये है हम , अब तो हमें कोई समेटता भी है तो जलाने के लिए !!
बहुत थक गया था में अपनों की परवाह करते करते पर जब से लापरवाह हुआ हूं ,आराम से हूं !!
तंग ना कर अब ऐ जिंदगी, हमे भी जीने दे, तेरी कसम हर तरफ से अब हारे हुए हैं हम !
डूब जाऊं आसानी से मैं वो कश्ती नहीं , मिटा सके कोई मुझे ये तो हर किसी के बस की नहीं !!
अब तो मेरे इस आंखों को सूजन सी होने लगी है इस आसमां को देखते – देखते लेकिन वो कम्बखत तारा कभी टूटता ही नहीं जिसे देखकर मैं तेरे लौट आने की दुआ मांगू ।।
तकदीर के खेल से नाराज नहीं होते, जिन्दगी मे कभी उदास नही होते ! हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना मेरे दोस्त क्योंकि तकदीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नही होते !!
जिसके पास तुम्हारे लिए वक़्त न होना उसके लिए कभी उदास मत होना , क्योंकि वो अपनी दुनिया मे Busy है और उस दुनिया मे उसे तुम्हारी ज़रूरत नही है ।
जो में था वो अब रहा नहीं जो आज में हूँ वो किसी को पता नहीं ।
बहुत सोच कर अपनों से रूठा करो यार क्योंकि आजकल मनाने का रिवाज़ ख़त्म सा हो गया है ।
ज़बरदस्ती किसी की life का हिस्सा बनने से अच्छा है ख़ुद को संभालो और उसकी दुनिया से बहोत दूर चले जाओबदल गई ये दुनिया और इस बदली दुनिया में बदल गये है लोग, अब हमारी अच्छी बातें किसी को याद नहीं रहती , और बुरी बातें कोई भूलता नहीं ।
बदल गई ये दुनिया और इस बदली दुनिया में बदल गये है लोग, अब हमारी अच्छी बातें किसी को याद नहीं रहती , और बुरी बातें कोई भूलता नहीं ।
उस भगवान का भी अजीब इंसाफ है जिसने दूसरों को सबसे ज्यादा हंसाया उसी को किस्मत ने सबसे ज़्यादा रुलाया है ।
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बहुत रोये है अकेले में हम रात भर अब हम, हमेंशा खुश रहते है क्योंकि हमे पता हैं की हमे मनाने वाला अब कोई नही है हमारी दुनिया में ।
दिल लगा कर के मेरे दिल से खेलते रही वो, और हम सर झुका के सारे सितम झेलते रहे !!
अब कोई उम्मीद नहीं है इस ज़िन्दगी से हमें , बस जो चल रहा, जैसे चल रहा , चलने दो !!
जिंदगी ने कुछ ज़ख्म ऐसे दिये हैं हमें जो कभी नहीं भर सकता बस हमने उन जख्मों को छिपाने का हुनर सीख लिया है ।
अगर बर्बाद ही करना था हमें, तो किस और तरीके से करते क्योंकि ज़िन्दगी बनकर मेरी ज़िन्दगी ही छीन ली तुमने ।
चेहरे पे मेरे हर किसी को मुस्कान ही दिखता है पर इस मुस्कान के पीछे का दर्द सिर्फ कुछ लोग ही देख पाते है ।।
खुद से ज्यादा भरोसा किया हमने जिसपर जब उसने भरोसा तोड़ा, तब पता चला हमें कि किसी को कितना भी प्यार कर लो वो एक दिन पराया होने का अहसास दिला ही देता है ।
घरवालो की खुशी भी देखना पड़ती है साहब वरना कौन यूं अकेले में रोता प्यार के खातिर ।माना कि वक्त सता रहा है पर बहुत कुछ सीखा भी रहा है !!
मैंने लोगों से बात करना इसलिए कम कर दिया है क्योंकि मैंने अपनों से ही अपनी बुराई सुनी है !!
यूं ही नहीं हूं ख़ामोश में, कुछ दर्द ही ऐसे मिला है कि अब कुछ बोलने का मन नहीं करता ।
हालात सब कुछ सिखा देता हैदर्द सहना भी और अकेले रहना भी…!!
लोगो ने समझाया किवक्त बदलता है और वक्त ने समझाया किइंसान भी बदलते हैं।
दर्द कम नहीं हुआ है मेरा, बस सहने की आदत हो गयी है।
जिसे मैंने सबसे ज्यादा वक्त दिया उसे ने मुझे सबसे ज्यादा दर्द दिया ।
डूब जाते हैं उम्मीदों के सभी जहाज, कौन कहता है आँसू जरा सा पानी है !
बस अपनी इतनी ही बदकिस्मती है साहब जो चाहा वो मिला नहीं और जो मिला वो मेरा कभी हुआ नहीं !!
लौटा दो मुझे ए खुदा उन रातों को जब में बिना कुछ सोचें सो जाया कर दिया था ।
जिंदगी में हमें वहीं लोग रुलाते हैं..! जिनकी ख़ुशी के लिए हम ? अपनी हँसी तक को भूला देते हैं !
ज़िंदगी की हकीकत सिर्फ़ इतनी सी है… की किसी को हद से ज्यादा अहमियत देने से हम हर जगह से ठुकरा दिए जाते हैं .!!
दिन व दिन मेरी हालत बिगड़ती जा रही है लग रहा है जैसे कोई मेरे मरने की दुआ करता है ।
Life की इतनी लगी पड़ी हैं कि, कुत्ता भी भोंक के जाये,तो लगता है. Advice देकर गया हैं..!
जो अपना ना हुआ उस पर कभी हक ना जताना और जो समझ ना सके उसे कभी दुःख ना बताना।।
सांस लेने से तेरी याद आती है,सांस नहीं लेता तो जान भी जाती है,कह दू कैसे की इस सांस से जिंदा हूं मै,ये सांस भी तो तेरी याद के बाद ही आती है.
जिंदगी तो कट ही जाती है,बस यही एक जिंदगी भर,गम रहेगा की हम उसे ना पा सके.
तेरे जाने के गम में रो कर रात गुजरती है,आखिर क्यों तूने मुझे धोखा दिया,तेरे बिना जिंदगी अब अधूरी सी लगती है,किस लिए तूने मुझे अकेला छोड़ दिया.
उदास हूँ, पर आपसे नाराज नहीं;आपके दिल में हूँ, पर आपके पास नहीं;झूठ कहूँ तो सब कुछ मेरे पास हैं,और सच कहूँ, तो आपकी यादो केसिवा कुछ भी नहीं.
Sad Shayari In Hindi 2023
अब तो मेरे दुश्मन भी मुझे ये कह कर अकेला छोड़ गये,की जा तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए।
मोहब्बत कभी झूठी नही होती है,झूठे तो कसमे, वादे और लोग होते हैं.
खुदा करे कोई इश्क़ का शिकार ना हो;जुदा अपने प्यार से कोई प्यार ना हो;मैं उसके बिना ज़िंदगी गुज़ार दूँ;बेशर्ते उसको किसी से प्यार ना हो.
अब शिकवा करें भी तो करें किससे,क्योंकि ये दर्द भी मेरा,और दर्द देने वाला भी मेरा.
किसी की याद दिल में आज भी है,वो भूल गए मगर हमें प्यार आज भी है;हम खुश रहने की कोशिश तो करते हैं मगर,अकेले में आंसू बहते आज भी हैं.
तेरा हर अंदाज़ अच्छा था,लेकिन नज़रंदाज़ करे के सिवा.
याद आती है तो ज़रा खो जाते हैं;आँसू आँखों मे उतार आए तो रो जाते हैं;नींद तो आती नही आँखो में;लेकिन ख्वाब में आप आओगे, सोचकर सो जाते हैं.
कहीं पे किसी रोज़ ऐसा भी होता,ये जो हमारी हालत है वो तुम्हारी होती;इस रात को तड़प कर गुज़ारा,काश ये रात तुमने भी गुजारी होती.
हमने खोया इतना कुछ कि पाना ना आया,प्यार कर तो लिया हमने पर जताना न आया;आ गए थे तुम इस दिल में पहली नज़र में ही,बस हमें ही आपके दिल में समाना न आया.
तू दिल के करीब होकर भी दूर है,दिल तेरी ही वजह से इतना मजबूर है,तेरे बिना मेरा बहुत बुरा हाल है,ये दिल अब पत्थर की तरह चूर चूर है.
किसी की याद दिल में आज भी है,वो भूल गए मगर हमें प्यार आज भी है;हम खुश रहने की कोशिश तो करते हैं मगर,अकेले में आंसू बहते आज भी हैं.
यादो में कभी आप खोये होंगे;खुली आँखो से कभी आप भी रोये होंगे;माना हमे आदत हैं, गम छुपाने की;पर हँसते हुए कभी आप भी रोये होंगे.
कभी अपनों को भूलाना ना आया;किसी के दिल को दुखाना ना आया;दुसरो की याद में तड़फन्ना तो सिख लिया;अपनी यादो में किसी को तड़फ़ाना ना आया.
हर एक पल उदासी छाई है,खुशी में मेरी एक कमी छाई है,इज्जत के लिए हमने प्यार की परवाह नहीं की,अब इज्जत मिली भी तो प्यार में कमी आई है.
हो सकता है हमने आपका अनजाने में कभी दिल दुःखा दिया,लेकिन तूने हमे दुनिया के कहने पर भुला दिया,हम तो इस दुनिया में वैसे भी अकेले ही थे,तो क्या हुआ तूने हमे ये एहसास दिला दिया.
तेरी यादों को पसन्द आ गई मेरे आँखों की नमी,अब हँसता हूँ तो रुला देती है तेरी कमी.
क्यों शर्मिंदा करते हो रोज़ हाल पूंछ कर,हाल वही है जो तुमने मेरा बना रखा है.
हम तो कुछ देर हंस भी लेते हैं,दिल हमेशा उदास रहता है।– बशीर बद्र
बेखबर, बेवजह बेरुखी ना किया कर,कोई टूट जाता है तेरा लहजा बदलने से।
मुझ से बिछड़ के तू भी तो रोएगा उम्र भर,ये सोच ले कि मैं भी तेरी ख़्वाहिशों में हूँ।
जिंदगी हमारी यूं सितम हो गईखुशी ना जानें कहां दफन हो गई,लिखी खुदा ने मुहब्बत सबकी तकदीर मेंहमारी बारी आई तो स्याही खत्म हो गई।
ज़िंदगी छोटी है सामान बहुत,और दिल के भी हैं अरमान बहुत।
दिल संभाले नहीं संभलता है,जैसे उठ कर अभी गया है कोई।
चेहरों को बेनक़ाब करने में,ए बुरे वक़्त तेरा हज़ार बार शुक्रिया।
तेरे बाद मैंने मोहब्बत को,जब भी लिखा गुनाह लिखा।
शेरो-शायरी तो दिल बहलाने का ज़रिया है जनाब,लफ़्ज़ कागज पर उतारने से महबूब नहीं लौटा करते।
मुझसे किये गए वादे जब….वो किसी और से करता होगा,हाय वो मुझे याद तो करता होगा।
उसकी बेवफाई पे भी फिदा होती है जान अपनी,अगर उस में वफा होती तो क्या होता खुदा जाने।
नजदीकियां दूर होती गई ख्वाहिशें मजबूर होती गई,
दुआओं के असर लापता हो गए बद्दुआएं सब मंजूर होती गई।
अब डर नहीं लगता कुछ खोने को,मैने ज़िन्दगी में, ज़िन्दगी को खोया है।
इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाएँक्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ,तू भी हीरे से बन गया पत्थरहम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएँ।
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होतारोता है दिल जब वो पास नहीं होता,बर्बाद हो गए हम उसके प्यार मेंऔर वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।
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परवाह करने की आदत ने तो परेशां कर दिया,गर बे-परवाह होते तो सुकून-ए-ज़िंदगी में होते।
पत्थर समझ कर पाँव से ठोकर लगा दीअफसोस तेरी आँख ने परखा नहीं मुझे,क्या-क्या उमीदें बांध कर आया था सामनेउसने तो आँख भर के भी देखा नहीं मुझे।
मैं ठीक हूँ, तुम मेरे दर्द की फिक्र मत करनामेरे जख्म भी भर जायेंगे,तुम दुनिया में इसका जिक्र मत करना।
बिछड़ते वक्त उसने कहा थाना सवाल करना, ना जवाब मिलेगा,तुम भूल जाना सुकून मिलेगाना सवाल किया, और ना जवाब मिला,ना भूल सका, ना सुकून मिला।
खेलने दो उन्हें जब तक जी ना भर जायेमोहब्बत चार दिन की थी,तो शौक कितने दिन का होगा।
बिछड़ कर आप से हमको ख़ुशी अच्छी नहीं लगतीलबों पर ये बनावट की हँसी अच्छी नहीं लगती,कभी तो खूब लगती थी मगर ये सोचते हैं हमकि मुझको क्यों मेरी ये ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती।
एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसेजरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे,वो साहिल से देखते रहे डूबना हमाराहम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे।
बेवफाई जो तुमने की तो कोई बात नहींइसमें नज़रें चुराने की तो कोई बात नहीं,दिल ही टूटा है अभी मैं तो नहीं टूटा हूँइतना मातम मनाने की तो कोई बात नहीं।
कितना बेबस हो जाता है इंसानजब किसी को खो भी नहीं सकते,और उसके हो भी नहीं सकते।
खामोशी से भर जाओगे,थोड़ा चीख लेनावरना मर जाओगे
भीड़ में भी तन्हा रहना मुझको सिखा दियातेरी मोहब्बत ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया,किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तोसब कुछ ज़िन्दगी ने चुप-चाप सहना सिखा दिया।
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते।
सिसकती हुई ज़िन्दगी का मजा हमसे पूछियेमोहब्बत में जो मिली वो सजा हमसे पूछिए,क्यों फिरते हो उदास तुम इस गम की तलाश मेंगम की हर गली का पता हमसे पूछिए।
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,जब भीग कर कहती हैं कि अब रोया नहीं जाता।
मुद्दतें हो गईं बिछड़े हुए तुम से लेकिन,आज तक दिल से मेरे, याद तुम्हारी न गई।
दु:ख देकर भी सवाल करते होतुम भी ग़ालिब क्या कमाल करते हो– ग़ालिब
सिखा दी बेरुखी भी तुम्हें ज़ालिम ज़माने ने,कि तुम जो सीख लेते हो हम पर आजमाते हो।
ख्यालों में मेरे कभी आप भी खोये होंगेखुली आँखों से कभी आप भी सोये होंगे,माना हँसी अदा है गम भुलाने की लेकिनहँसते-हँसते कभी आप भी रोये होंगे।
क़ब्रों में नहीं हम को किताबों में उतारो,हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं।
मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गयातुम क्यों हुए उदास तुम्हें क्या याद आ गया,कहने को जिंदगी थी बहुत मुख्तसर मगरकुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया।
उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाकी हैनाम लब पर हैं मगर जान अभी बाकी है,क्या हुआ अगर देखकर मुंह फेर लेते हैं वोतसल्ली है, कि अभी तक शक्ल कि पहचान बाकी है।
मैं क्यों कुछ सोच कर दिल छोटा करूवो उतनी ही कर सकी वफा,जितनी उसकी औकात थी।
बिन बात के ही रूठने की आदत हैकिसी अपने का साथ पाने की चाहत है,आप खुश रहें, मेरा क्या है मैं तो आईना हूँमुझे तो टूटने की आदत है।
मोहब्बत में न अपना कोई ठिकाना रहासारी उम्र बस उनका आना-जाना रहा,हमने राज खुलने न दिए दिल के उनपरखतों में हर्फ़ का लिखना मिटाना रहा।
वो मिले हमको कहानी बनकरदिल मे रहे प्यार की निशानी बनकर,हम जिन्हें जगह देते है आँखो के अंदरवो अक्सर निकल जाते है पानी बनकर।
मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,मौसम की तरह लोग बदल जाते हैं,हम अभी तक हैं गिरफ्तार-ए-मोहब्बत यारों,ठोकरें खा के सुना था कि संभल जाते हैं।
इश्क की हमारे बस इतनी सी कहानी हैतुम बिछड गए हम बिख़र गए,तुम मिले नहीं और “””हम किसी और के हुए नही।
ना पूछो मेरे सब्र की इंतहा कहां तक है,तुम कर लो सितम तुम्हारी हसरत जहां तक है।
उस शख़्स के ग़म का कोई अन्दाज़ा लगाए,जिसको रोते हुए देखा न किसी ने।
इतनी सारी यादों के होते भी जब दिल में,वीरानी होती है तो हैरानी होती है।
अंधेरे से कह दो बचपन बीत चुका है,अब तुझ से डर नहीं सुकून मिलता है।
किसी अकेली शाम की चुप में,गीत पुराने गा के देखो।
इसे इत्तेफाक समझो या दर्द भरी हकीकत,आँख जब भी नम हुई वजह कोई अपना ही था।
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आयाजाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया– शकील बदायुनी
नफरत लाख मिली मुझे चाहत नहीं मिलीज़िन्दगी बीत चली पर ग़म से राहत नहीं मिली,उसकी महफ़िल में हर शख्स को हँसते देखाएक हम थे कि हँसने की भी इजाज़त नहीं मिली।
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अब अगर खुशी मिल भी गई तो कहाँ रखेंगे हम,आँखों में हसरतें हैं और दिल में किसी का ग़म।
देखा पलट के उसने चाहत उसे भी थीदुनिया से मेरी तरह शिकायत उसे भी थी,वो रोया बहुत मुझको परेशान देख करउस दिन पता चला की मेरी जरुरत उसे भी थी।
जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुईबदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई
चमन में जो भी थे नाफ़िज़ उसूल उसके थेतमाम काँटे हमारे थे और फूल उसके थे,मैं इल्तेज़ा भी करता तो किस तरह करताशहर में फैसले सबको कबूल उसके थे।
अपना कोई मिल जाता तो हम फूट के रो लेते,यहाँ सब गैर हैं तो हँस के गुजर जायेगी।
फिर नहीं बसते वो दिल में जो एक बार टूट जाएं,कब्रे कितना भी संवारों कोई जिन्दा नहीं होता।
जुबान खामोश और आँखों में नमी होगीयही बस मेरी दास्ताने-ज़िंदगी होगी,भरने को तो हर ज़ख्म भर जायेगा लेकिनकैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी।
बस यही बात कि किसी को ना चाहों दिल से,तज़ुर्बे इस के सिवा उम्र को क्या देते हैं।
जहर भी अपना हिसाब जरा अलग रखता हैमरने के लिए जरा सा,और जीने के लिए बहुत सारा पीना पड़ता है।
दुनिया में मैं अपनी कमी छोड़ जाऊंगाराहों पर इंतजार की लकीर छोड़ जाऊंगा,याद रखना एक दिन मुझे ढूढ़ते फिरोगेआँखों में आपके मैं नमी छोड़ जाऊंगा।
वो अँधेरा ही सही था कि कदम राह पर थे,रोशनी ले आई मुझे मंजिल से बहुत दूर।
सब सो गए अपना दर्द अपनों को सुना के,कोई होता मेरा तो मुझे भी नींद आ जाती।
लड़ के जाता तो हम मना लेते,उसने तो मुस्कुरा के छोड़ा है।
लोग पूछते हैं क्यों सुर्ख हैं तुम्हारी आँखेहंस के कह देता हूँ रात सो ना सका,लाख चाहूं मगर ये कह ना सकूँरात रोने की हसरत थी रो ना सका।
कौन किसे दिल में जगह देता हैपेड़ भी अपने सूखे पत्ते गिरा देता है,वाक़िफ़ हैं हम दुनिया के रिवाजों सेजी भर जाए तो हर कोई भुला देता हैं।
यह उम्मीद के परिंदे ताउम्र फड़फड़ाते हैंमगर छोड़कर जाने वाले फिर लौट कर नहीं आते हैं
ऐटिटूड 😔 सैड शायरी
चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चलइस चमन में अब अपना गुजारा नहीं,बात होती गुलों तक तो सह लेते हमअब काँटों पे भी हक हमारा नहीं।
बड़े ही अजीब हैं, ये जिंदगी के रास्तेअनजाने मोड़ पर कुछ लोग अपने बन जाते है,मिलने की खुशी दे या ना देमगर बिछड़ने का गम जरुर दे जाते हैं।
तेरे सिवा कोई मेरे जज़्बात में नहींआँखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं,पाने की कोशिश तुझे बहुत की मगरतू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं।
भले ही किसी गैर की जागीर थी वोपर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो,मुझे मिलती तो कैसे मिलती?किसी और के हिस्से की तकदीर थी वो।
जब मिलो किसी सेतो जरा दूर का रिश्ता रखना,बहुत तङपाते हैअक्सर सीने से लगाने वाले।
अफसोस होता है जबहमारी पसंद कोई और चुरा लेता है,ख्वाब हम देखते हैं औरहकीक़त कई और बना लेता है।
तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जायें,वही आँसू, वही आहें, वही ग़म है जिधर जायें,कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता,वही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जायें जिधर जायें।– साहिर लुधियानवी
कभी मौका मिला तोहम किस्मत से शिकायत जरुर करेंगे,क्यों छोड़ जाते हैं, वो लोगजिन्हें हम टूट कर चाहते हैं।
गुलशन की बहारों पे सर-ए-शाम लिखा हैफिर उस ने किताबों पे मेरा नाम लिखा है,ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगाकुछ सोच के उस ने मेरा अंजाम लिखा है।
महफिल लगी थी बद-दुआओं की,हमने भी दिल से कहा,उसे इश्क़ हो, उसे इश्क़ हो, उसे इश्क़ हो।
जो लोग सबकी फिक्र करते है अक्सर…उन्ही की फिक्र करने वाला कोई नहीं होता।
वो छोड़ के गए हमेंन जाने उनकी क्या मजबूरी थी,खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहींये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।
आखिरी बार तेरे प्यार को सजदा कर लूंलौट के फिर तेरी महफ़िल में नहीं आऊंगा,अपनी बर्बाद मोहब्बत का जनाज़ा ले करतेरी दुनिया से बहुत दूर चला जाऊंगा।
खामोशियां बोल देती हैजिनकी बाते नहीं होती,इश्क वो भी करते हैंजिनकी मुलाकाते नहीं होती।
कहता था तू ना मिला मुझेतो मैं मर जाऊंगा,वो आज भी जिंदा है यही बातकिसी और से कहने के लिए।
आइने में अक्सर जो अक्स नज़र आता हैखुद से लड़ता हुआ एक शख़्स नज़र आता है,वो किसी बात पे खुद से खफा लगता हैनाकाम मोहब्बत का नक्श नजर आता है।
वास्ता नहीं रखना तो नजर क्यों रखते होकिस हाल में हूँ जिंदा,ये खबर क्यों रखते हो।
मेरी मुस्कराहट को हकीकतना समझ ऐ दोस्त,दिल में झांक कर देखकितने उदास हैं हम।
सुना है बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर में, ज्यादा भीगना मत..अगर धूल गई सारी गलतफहमियां, तो बहुत याद आयेंगे हम।
गुजरा हूँ हादसा-त से लेकिन वही हूँ मैं,तुम ने तो एक बात पे रस्ते बदल लिए।
दिल गुमसुम जुबान खामोश क्यों हैये आँखें यूं नम क्यों है,जब कभी तुझे पाया ही ना थातो आज तुझे खोने का गम क्यू है।
उनकी सारी गलतियों को हमउनकी नादानी समझ कर भूल गए,कभी समझ में नहीं आया नादान वो थे या हम।
लोग मुन्तज़िर ही रहे कि हमें टूटा हुआ देखें,और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए।
हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह,वरना हमारे वादे भी कभी जंजीर हुआ करते थे।
उस ने पूछा था क्या हाल है,और मैं सोचता रह गया।
ज़ख्म पुराने हुए कोई तो नया ज़ख्म दे जाओ,चलो आओ फिर स फिर से वही इश्क़ ले आओ।
अब तुम को भूल जाने की कोशिश करेंगे हम,तुम से भी हो सके तो… न आना ख़याल में।
ना वो सपना देखो जो टूट जायेना वो हाथ थामो जो छुट जाये,मत आने दो किसी को करीब इतनाकि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।
बिखरी किताबें, भीगे पलक और ये तन्हाई,कहूँ कैसे कि मिला मोहब्बत में कुछ भी नहीं।
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त,सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया।
तमाम उम्र ताल्लुक़ का बोझ कौन सहे,उसे कहो के चुका ले हिसाब कितने हैं।
हर ज़ख़्म किसी ठोकर की मेहरबानी हैमेरी ज़िंदगी की बस यही एक कहानी है,मिटा देते तेरे दिए हर दर्द को सीने सेपर ये दर्द ही तो उसकी आखिरी निशानी
मेरे बिना क्या अपने आप को सँवार लोगे तुम,इश्क़ हूँ कोई ज़ेवर नहीं जो उतार दोगे तुम।
अपनी हालत का खुद एहसास नहीं है मुझ को,मैं ने औरों से सुना है के परेशां हूँ मैं।
अकेला हो गया हूँ इस ज़माने मेंइसलिए डरता हूँ सच बताने में,ग़म छुपाने की जरुरत अब नहीं पड़तीक्यूँ माहिर हो गया हूँ मुस्कुराने में।
छुप के तेरी तस्वीरें देखता हूँबे-शक तू ख़ूबसूरत आज भी है,पर चेहरे पर वो मुस्कान नहींजो मैं लाया करता था।
नादानी की हद है जरा देखो तो उन्हें,मुझे खो कर वो मेरे जैसा ढूढ़ रहे हैं।
न करवटे थी, न बेचैनियाँ थी,क्या गजब की नीँद थी मोहब्बत से पहले।
तुम खुद ही उलझ जाओगे मुझे ग़म देने की चाहत में,मुझमे हौंसला बहुत है… मुस्कुरा कर निकल जाऊँगा।
मुद्दत से जिन की आस थी वो मिले भी तो कुछ यूँ मिले,हम नजर उठा कर तड़प उठे वो नजर झुका कर गुजर गए।
हवा से लिपटी हुयी सिसकियों से लगता है,मेरी कहानी फिर किसी आशिक ने दोहराई है।
तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई है,नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है।
अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तेहा,तो हम तुमसे नहीं.. तुम हमसे मोहब्बत करते।
अंजाम-ए-वफ़ा ये है, जिसने भी मोहब्बत की,मरने की दुआ माँगी, जीने की सज़ा पाई।
वो रो-रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसेमगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है,की अगर नफरत ही थी तो वो इतना रोई क्यों?
तुम क्या जानो अपने आप से कितना मैं शर्मिंदा हूँ,छूट गया है साथ तुम्हारा और अभी तक ज़िंदा हूँ।
ग़म-ए-दुनिया में ग़म-ए-यार भी शामिल कर लोनशा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें,अब न वो मैं हूँ, न तू है, न वो माज़ी है फ़राज़जैसे दो साए तमन्ना के सराबों में मिलें।– अहमद फ़राज़
कौन खरीदेगा अब हीरो के दाम में तुम्हारे आँसु,वो जो दर्द का सौदागर था मोहब्बत छोड़ दी उसने।
जान गया वो हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है,इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है, मेरी ख़ुशी के लिए।
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उसे जाने की जल्दी थी तो मैं आँखों ही आँखों में,जहाँ तक छोड़ सकता था वहाँ तक छोड़ आया हूँ।
यूँ न कहो कि क़िस्मत की बात है,मेरी तन्हाई में कुछ तुम्हारा भी हाथ है।
अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी जिंदगी,सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ।
ख़ुशी के दौर तो मेहमाँ थे आते जाते रहे,उदासी थी कि हमेशा हमारे घर में रही।
अकेले ही काटना है मुझे ऐ जिन्दगी का सफर,यूँ पल दो पल साथ चलकर मेरी आदत खराब न करो।
नज़र-अंदाजी का बड़ा शौक था उनको,हमने भी तोहफे में उनको उन्हीं का शौक दे दिया।
तोड़ा कुछ इस अदा से ताल्लुक उसने ग़ालिब,के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रह गए।
इस दिल की दास्तां भी बडी अजीब होती हैबडा मुस्किल से इसे खुशी नसीब होती है,किसी के पास आने पर खुशी हो न होपर दुर जाने पर बडी तकलीफ होती है।
औकात नहीं थी ज़माने में जो मेरी कीमत लगा सके,कम्बख़्त इश्क में क्या गिरे.. मुफ्त में नीलाम हो गये।
बिन सोये जो गुज़र गई,वो राते तुम पर क़र्ज़ हैं।
मेरी उदासी मुझसे रोज़ मिलने आती हैं,मुस्कुराकर हर बार उसे रूखसत कर देता हूँ।
उनकी नज़रो में हम अगर जो गिर जायेंगेकुछ नही दोस्तो हम बिखर जायेंगे,टूटी कस्ती से दरिया ना पार हुएबीच दरिया मे डूबे तो मर जायेंगे।
हाँ याद आया इसके आखरी अलफ़ाज़ ये थे,अगर जी सको तो जी लेना अगर मर जाओ तो अच्छा है।
दिल को मालूम है क्या बात बतानी है उसे,उस से क्या बात छुपानी है ज़बाँ जानती है।– अरशद अब्दुल हमीद
Sad Shayari Life 2 line
वक़्त से पहले बहोत हादसों से लड़ा हूँ,मै अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूँ।
सारी दुनिया की खुशी अपनी जगह,उन सबके बीच तेरी कमी अपनी जगह।
मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था,वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था।
सिर्फ एक ही बात सीखी, इन हुस्न वालों से हमने,हसीन जिसकी जितनी अदा है, वो उतना ही बेवफा है।
इश्क़ अधूरा रहा तो क्या हुआ,हम तो पूरे बर्बाद हुए।
बड़े शौक से बनाया तुमने मेरे दिल मे अपना घर,जब रहने की बारी आई तो तुमने ठिकाना बदल दिया।
मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले,मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।
सुनी थी हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें,अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ।
मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन,आवाजों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन,सदियों सदियों वही तमाशा रस्ता रस्ता लम्बी खोज,लेकिन जब हम मिल जाते हैं खो जाता है जाने कौन।
ये तुम से कह दिया किस ने के बाज़ी हार बैठे हम,अभी तुम पे लुटाने को हमारी जान बाक़ी है।
बेवजह छोड़ गए हो,बस इतना बताओ सुकून मिला की नहीं।
किसी के पाँव की आहट का इन्त्जार किया,इसी उदास खंडहर के उदास टीले पर।
सादगी इतनी भी नहीं है अब बाकी मुझमें,कि तू वक़्त गुज़ारे और मैं मोहब्बत समझूं।
इश्क की नासमझी में हम, सब कुछ गवां बैठे,जरुरत थी उन्हें खिलौने की, हम अपना दिल थमा बैठे।
मोहब्बत है या नशा थाजो भी था कमाल का था,रूह तक उतारते – उतारतेजिस्म को खोखला कर गया।
बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है,उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है।
जुदा हो रहे हो पर भूलो मत मैं तुम्हारा था कभीतेरी बाहों में हमने भी वक़्त गुजारा था कभी,और आईने के सामने में बैठ के इतना रोया हूँकी आईना भी भूल गया ये शख्स मुस्कुराया था कभी।