499+NEW Atitude Shayari in Bhojpuri ( भोजपुरी में रवैया शायरी )

Atitude Shayari in Bhojpuri

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सुबह भी उदास होई शाम भी उदास होई.
उजर कपडा मे लपेटल हमार लाश होई.
ऐ दफनावेवाला हमके उँहा दफनईह,
जहाँ हमरा सनम के लाश होई
रात में जागल मत कर् सूत लीहल कर्
अइसहीं मन में आँसू मत रोकल कर् रो लिहल कर्
हमरा ईयाद में त हरमेसे रहेलस गुमसुम
कबो कबो अपनो के ईयाद कर् लिहल कर्
बीना बतवले उ ना जाने काहे हमसे दूरी क लिहलन,
बिछड. के ऊ हमार मुहबबत अधूरे छोर दिहलन
हमरे मुककदर में खाली गम बा त का भइल
खुदा उनकर खवाइस त पुरा कर दिहलन |
मेहन्दी रंग लावेला सुखला के बाद,
दोस्ती याद आवेला छुटला के बाद.
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी
उजरल घर में अब केके ढूँढ़त बाड. तु
बरबाद भईला पर ओकर ठिकाना ना रहेला
मौसम क मिसाल देही या तोहार
केहू पूछत बा कि बदले केकरा आवेला.
जे तहरा खातिर काँट बने तू कर दऽ ओकरा भाला,
उहो सार समुझ जइहन कि पड़ल केहू से पाला |
करिया साडी पर कढाई ना होला.
जानम तहरा याद मे पढाई ना होला.

हमके कब चाह रहे कि हमके ऊ चाँद मिले य़ा असमान मिले!
खाली एगो तमन्ना रहे की हमार ऊ सपना के जहाँ मिले !!
हजार चेहरा में एगो तु ही रहल जेकरा पर हम मर मिटली
वर्ना न त चाहत क कमी रहे ना त चाहे वालन क कमी रहे |
टूटल अईसन दिल आवाज तक ना आईल
हम कईसे जीयत बानी केहू जीके त बतावस
सभ केहू व्यस्त बा अपना जिनिगी का भँवर में. अइसना में एगो चुटपुटिहा धीरे से कहि जाले कि केहू बा, जे तोहरा के भुलाईल नईखे.
मरद मूड़ी आ मेहरी गरदन होले. गरदन मूड़ी के जब जेने मन करेला वोइसे घुमा लेले.
दिल से निकलल हर बात एगो जज्बात होला
प्यार से बोली वोह बोली के एगो अजबे सौगात होला
कबो आजु ले अघाईल नईखे एह नेह छोह के बोली पे
जब दिल टुटेला त आंखि से भादो असि बरसात होला
उजाला आपन याद क हमरे साथ रहे द
न जाने कवने गली में जिनगी क शाम हो जाइ.
 
Hamar ho ke bhi tu hamar na bhailu,
Badu Duniya me ta milabu kabhi bhale
dosarake To ho gailu, Ihe umid lagawale
rahani ki Tu yi duniya chhod ke na jane ka kho Gailu
तोहार दिल हमार दिल बराबर हो नाहीं सकता
उ शीशा हो नाहीं सकता इ पत्थर हो नाहीं सकता
दर्द बा केतना बताई कइसे
अब तू ही बता द भुलाई कइसे.
तन के, मन के, घर आंगन के कीचड़ पाँक हटा दीं. प्रेम प्रीत के रंग अबीर हँस के खूब लगा दीं. |
दूर त बहुत बाडू पर इतना जान लीहा,
लगे रहिके कौनो रिश्ता बहुत ख़ास ना होला !
तू त हमारे दिल के इतना करीब बाडू,
कि दूर होवे क एहसास ना होला !!.. .
रूह समाईल बा ई देह में, देह इ जहान में फसल बा
ज़िंनगी ईहे सिलसिला से बस आगे बढ़ रहल बा
दर्द बा केतना बताई कइसे
अब तू ही बता द भुलाई कइसे…
दिल से निकलल हर बात एगो जज्बात होला
प्यार से बोली वोह बोली के एगो अजबे सौगात होला
कबो आजु ले अघाईल नईखे एह नेह छोह के बोली पे
जब दिल टुटेला त आंखि से भादो असि बरसात होला.
अब दोस्ती पानी से ना आग से होई,
अब प्यार दिल से ना दिमाग से होई.
बड़ा सम्हारि के जिनगियां में प्यार कइली,
प्यार मिलल नाहीं ऊपर से बेरोजगार भइली।
हमरा मितवा बड़ा ज्ञान क बात बतावेला,
ई प्यार क भूत बाबूजी क चप्पल उतारेला।
ग़म में पड़िके ग़ज़ल लिखा
औ प्यार में पड़िके गीत
ग़र दूनो के दूनों लिख दिहला
ता बाड़ा तू सच्चा मीत ।।
वेदप्रकाश वेदांत
बाड़ू बहुत हसीन तोहर नैना हवे कमाल के
ज़माना बा मनचला तनिक रहिहा सम्भाल के
ई सतरह के उमरिया खतरा के हा निशानी
निकलिहा घर से सिर पे ओढ़नी तू ढाल के ।।
वेदप्रकाश वेदांत

लइकी खातिर भोजपुरी में रवैया शायरी

दिल के तू चैना चुरा लेहलू
दिवाना हमके तू बना देहलू
तोहरे नैना के दरिया में
हम डूब रहल बानी
बोला दिलवा पे कवन
चक्कर चला दिहलू ।।
वेदप्रकाश वेदांत

प्यार ग़र कइला ता निभावेके पड़ी
इक दूजे के दिल में बसावेके पड़ी
मुश्किल से केहू निभा पावेला ई रिश्ता
पावन प्रेम हर घड़ी तुहें दिखावेके पड़ी ।।
वेदप्रकाश वेदांत
चतुर नयन जस विशिख समाना
अधर शहद अस लै निज प्राना
प्रभु लायव किन्ह रूपवा खज़ाना
भेजेव का उर्वसि यह ग्रामा ।।
वेदप्रकाश वेदांत
बीना बतवले उ ना जाने काहे हमसे दूरी क लिहलन,
बिछड. के ऊ हमार मुहबबत अधूरे छोर दिहलन
हमरे मुककदर में खाली गम बा त का भइल
खुदा उनकर खवाइस त पुरा कर दिहलन |
मेहन्दी रंग लावेला सुखला के बाद,
दोस्ती याद आवेला छुटला के बाद.
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी
उजरल घर में अब केके ढूँढ़त बाड. तु
बरबाद भईला पर ओकर ठिकाना ना रहेला
मौसम क मिसाल देही या तोहार
केहू पूछत बा कि बदले केकरा आवेला.
जे तहरा खातिर काँट बने तू कर दऽ ओकरा भाला,
उहो सार समुझ जइहन कि पड़ल केहू से पाला |
करिया साडी पर कढाई ना होला.
जानम तहरा याद मे पढाई ना होला.
हमके कब चाह रहे कि हमके ऊ चाँद मिले य़ा असमान मिले!
खाली एगो तमन्ना रहे की हमार ऊ सपना के जहाँ मिले !!
हजार चेहरा में एगो तु ही रहल जेकरा पर हम मर मिटली
वर्ना न त चाहत क कमी रहे ना त चाहे वालन क कमी रहे |

टूटल अईसन दिल आवाज तक ना आईल
हम कईसे जीयत बानी केहू जीके त बतावस
सभ केहू व्यस्त बा अपना जिनिगी का भँवर में. अइसना में एगो चुटपुटिहा धीरे से कहि जाले कि केहू बा, जे तोहरा के भुलाईल नईखे.
मरद मूड़ी आ मेहरी गरदन होले. गरदन मूड़ी के जब जेने मन करेला वोइसे घुमा लेले.
दिल से निकलल हर बात एगो जज्बात होला
प्यार से बोली वोह बोली के एगो अजबे सौगात होला
कबो आजु ले अघाईल नईखे एह नेह छोह के बोली पे
जब दिल टुटेला त आंखि से भादो असि बरसात होला
 
उजाला आपन याद क हमरे साथ रहे द
न जाने कवने गली में जिनगी क शाम हो जाइ.
Hamar ho ke bhi tu hamar na bhailu,
Badu Duniya me ta milabu kabhi bhale
dosarake To ho gailu, Ihe umid lagawale
rahani ki Tu yi duniya chhod ke na jane ka kho Gailu

शायरी रवैया 2 लाइन भोजपुरी भाषा में

तोहार दिल हमार दिल बराबर हो नाहीं सकता
उ शीशा हो नाहीं सकता इ पत्थर हो नाहीं सकता
दर्द बा केतना बताई कइसे
अब तू ही बता द भुलाई कइसे.
तन के, मन के, घर आंगन के कीचड़ पाँक हटा दीं. प्रेम प्रीत के रंग अबीर हँस के खूब लगा दीं. |
दूर त बहुत बाडू पर इतना जान लीहा,
लगे रहिके कौनो रिश्ता बहुत ख़ास ना होला !
तू त हमारे दिल के इतना करीब बाडू,
कि दूर होवे क एहसास ना होला !!.. .
रूह समाईल बा ई देह में, देह इ जहान में फसल बा
ज़िंनगी ईहे सिलसिला से बस आगे बढ़ रहल बा
दर्द बा केतना बताई कइसे
अब तू ही बता द भुलाई कइसे…
दिल से निकलल हर बात एगो जज्बात होला
प्यार से बोली वोह बोली के एगो अजबे सौगात होला
कबो आजु ले अघाईल नईखे एह नेह छोह के बोली पे
जब दिल टुटेला त आंखि से भादो असि बरसात होला.
दिल के हमरा आज ई अहसास हो गईल,
केहू आपन लोगवा के भीड़ में भुला गईल.!
कईसे उनका के अपना पास बोलाई,
रह-रह के ऊ हमरा से आउरी दूर ओ गईल.!!
दरद दे के दरद बढावल ना जाला
दीप जलाके दीप बुझावल ना जाला
प्रेम केतनो बढ़ी पर बेगाना ना होई
दिल लगाके दिल हटावल ना जाला
केहू खातिर चार पल के इन्तजार गरज हऽ,
चार घण्टा भरोसा हऽ,
चार दिन दोस्ती हऽ,
आ चार जनम प्यार हऽ!
चढते फगुनवा जियरा जरि गईल हो..!
हमार सजना सनेहिया बिसार गईलन हो..!
बिन बात के रूठे क आदत रहे,
केहू आपन क साथ पावे क चाहत रहे,
तु खुश रहअ, हमार का..!
हम त आइना हई, हमके त टूटे क आदत हवे..!!

जिनिगी अब पहाड़ जइसन लागे लगल बा
सुखला में बाढ़ जइसे लागे लगल बा
कुछुओ कहाँ बा आपन अब, सब झूठीये के भरम बा
साँसो अब उधार जइसन लागे लगल बा |
काहे नईखे महशूस होत तकलीफ हमार उनके..!
जे कहत रहे बहुत बढिया से जानिला तोहके..!!
 
जिंदगी भर हम जिंदगी से दूर रहनी ,
तहरा खातिर हम अपनों से दूर रहनी ,
अब एह से बढ़ के वफ़ा के सजा का होई ,
तहार हो के तहरो से दूर रहनी |
रात में जागल मत कर् सूत लीहल कर्,
अइसहीं मन में आँसू मत रोकल कर् रो लिहल कर्..
! हमरा ईयाद में त हरमेसे रहेलस गुमसुम,
कबो कबो अपनो के ईयाद कर् लिहल कर्..!
सजा देवे हमरो भी आवेला …जनलू बेखबर‬..!
पर तोहके तकलीफ होखे, ई हमरा मंजूर नईखे..!!
काहो नींद अब त आवल करअ, केहू नईखे अब हमरा पास
जेकरा खातीर तहरा के छोड़ले रहीं
ऊ त अब छोड़ के चल गईनी
जियत जिनगी ना भुला पाईब तोहरा के
गली में घुमत रहेब तोहार नाम ले-लेके
एही तरह कहीं अगर हम मर गइनी
त हमार रुह भी भटकत रही तहरे पीछे…
रोशनी चाँद से होला सितारन से ना,
प्यार एक से होला हजारन से ना।
अबकी के सावन में अईसन शरारत हमरे साथ भईल.!
हमार घर छोड़ बाकी कुल गाँव में बरसात भईल..!!
मौसम क मिसाल देही या तोहार..!
केहू पूछत बा कि बदले केकरा आवेला..!
हर कोई पूछत ता इ आँख में नमी काहे बा
कइसे कही की इ आँख में आसू के वजह रउवे बानी !
जियत बानी जिंदगी ‘लेकिन’
हमर जीये के वजह भी रउवे बानी….!
मानतानी कि मरे वाला के सभे कोई भुला जाला..!
लेकिन हम त अभी जिनदा बानी फिर काहे तु……!!
 
शीशा के दिल बनल रहे.
टुटल बिखर गईल.
साथी एगो मिलल रहे,
मिलके बिछड गईल.
घुट घुट के भितरे भितरे दर्द के लोर पी रहल बानी,
कागज कलम के सँघतिया बना के होठवा के सी रहल बानी..!
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के,
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी..!!
अपने दिल के खिड़की से झाक ना कबो बरखा के बूँद जइसन बा एहसास हमार..!
आपन जुल्फन के गिरह खोलअ ना कबो बहत हवा जइसन बा एहसास हमार..!!
तलास कर ओकर जे केहु के पास ना होखे
भुला द ओहके जेपर पर विश्वास ना होखे
हम त गमो मे हँसेनी काहेकि
सामने वाला उदास ना होखे |
बड़ी अजीब दुनिया क मेला बा ..!
लउकत त भीड़ बा , बाकि चलत सब अकेले बा..!!
 
ऐ जान फिकर मत कर…अकेले नइखि हम..!
पूरा कारवां बा…तहरे यादन के संगे-संगे ..!!
 
तन्हाई के हद के कवनो हिसाब काहे नईखे,
किस्मत के सवाल के कवनो जबाब काहे नईखे ..
काहे बनावत बाडू बालू पर महल, एक दिन खुदे मितायिबू तू ,
आज कहबू की हमरा से प्यार बा तहरा, एक दिन हमार नाम तक भूल जई बू तू…
बस तहरा खुशी के खातिर चुप बानि वरना ..!
तहार कहां औकात कि तू हमार दिल तोड़ द..!!

 
हमके भी सिखाय द भूल जाये क हुनर..!
हम थक गइल बानी हर लम्हा हर सांस में तोहके याद करत करत..!!
काहें याद मिलन क एक बेर भी ना कईलु,
छोड़ी मोरी नगरी तू कवने नगर चली गईलू
कबहूँ त भोर होई, कबहूँ छँटी कुहासा
‘भावुक’ ई मान लऽ तू आगे अन्हार नइखे |
तोहार जिंनगी में हमार नाही रहले क कमी तहके हर रोज खली..!
रोशनी लाख करब तु अापन जिनगी में पर रौनक नाहीं होई..!!
 
अईसन परिंदन के कईद कईल हमार फितरत नईखे..!
जे हमरा दिल के पिंजरा में रहके भी केहू आउर के संग उड़े क शउख रखे..!!
सब तरहे क सिकवा सह लेही ला
जिनगी य़ेही तरे जी लेही ला.
मिला लेही ला हाथ जेसे दोस्ती क
ओइ हाथ से फिर जहरो पीये पड़ेला |
भोजपुरी भाषा में शायरी उदास
शुभम करोति कल्याणम,
अरोग्यम धन संपदा,
शत्रु-बुद्धि विनाशायः,
दीपःज्योति नमोस्तुते !
आप सपरिवार लोग के
दिवाली क हार्दिक शुभकामना
एवं दीपोत्सव आप लोगन के जीवन के
सुख, समृद्धि, सुख-शांति, सौहार्द
एवं अपार खुशियों की रोशनी से जग-मग करे दे
उजरल घर में अब केके ढूँढ़त बाड. तु
बरबाद भईला पर ओकर ठिकाना ना रहेला |
हम जब भी डूबल चाहीला
आकाश के ई नील गगनवा में
न जाने काहें..!ई घनघोर बदरा
नाय़ बन के हमके बचा लेवेला
भोजपुरिया शायरी |
जिनिगी अब पहाड़ जइसन लागे लगल बा
सुखला में बाढ़ जइसे लागे लगल बा..!
कुछुओ कहाँ बा आपन अब, सब झूठीये के भरम बा
साँसो अब उधार जइसन लागे लगल बा..!!
उजाला आपन याद क हमरे साथ रहे द
न जाने कवने गली में जिनगी क शाम हो जाइ.
तू का बुझअ का होला तनहाई, तू का जनबअ का होला बेवफाई..!
हई टूटल पाटीये से पुछअ का होला जुदाई, अरे अब केतना जुलम सहीं जालीम..
ई रतीये से पुछअ कब तहार याद ना आईल..!!
 
हम आउर हमार चाँद.
अक्सर अधियारी रतिया में.
एक-दुसरा के बात में डूबके.
जागल करी ल जा रात भर
ऊ काजल रहे-हमरे आँख क
आंसू मे घुल के बह आईल.
आऊर ठहर गईल रहे हमरा हथेली पर
जइसे ऎगो बूंद करीया मोती लेखा |
सब तरहे क सिकवा सह लेही ला,
जिनगी य़ेही तरे जी लेही ला..!
मिला लेही ला हाथ जेसे दोस्ती क,
ओइ हाथ से फिर जहरो पीये पड़ेला..!!
चोट दिल के एतना गहिर बा केहू से इज़हार का करी,
हम खुदहिं निशाना बन गईली केहूके घायल बा करी,
मर गईली हम लेकिन खुलल रहल अँखियाँ,
अब एहसे ढेर इंतज़ार केहू के का करी।

अईसन परिंदन के कईद कईल हमार फितरत नईखे..!
जे हमरा दिल के पिंजरा में रहके भी केहू आउर के संग उड़े क शउख रखे..!!
उजरल घर में अब केके ढूँढ़त बाड. तु..!
बरबाद भईला पर ओकर ठिकाना ना रहेला..!!
इश्क के दुनिया मे तू पहचान हऊ हमार 
आरे केहू और खातिर कईसे छोड़ दी 
पागल हो गइल बाड़ू का तू त जान हऊ हमार
कइसे खतम कर सकीला उनका से आपन रिसता,
जिनका बारे मे बस सोचते ही सारा दुनिया भूल जाइला हम…
हर सँझिया से तोहार बतिया किहल करिले, 
अपना सपनवा में तोहरा के ही देखल करिले,
प्रेमी ही त बानी हम तोहार जवन, 
हर समइया तोहसे मिले के राह देखल करिले ।

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