399+Bewafa Shayari in Hindi { बेवफा शायरी इन हिंदी }

 बेवफा शायरी इन हिंदी

बेवफाई का मतलब तो आप सब जानते होंगे ऐसा तब होता है जब इंसान को किसी के प्यार में धोखा खाता है। ऐसा तो आजकल बहुत से लोगों के साथ होता है। उन्हें सच्चा प्यार नहीं मिल पता और प्यार के नाम पर सिर्फ उनको धोखा मिल जाता है।
Bewafa Shayari का इस्तेमाल करके अपने दर्द को किसी के साथ शेयर कर सकते है। कि प्यार कैसे दर्द देता है, आप इसे एक संदेश में बना सकते हैं।
और अपनी भावनाओं और अपने दर्द को व्यक्त करने के लिए इसे अपने व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर डाल सकते हैं।
चलो कुछ नई शुरुआत करते हैं
तुम हमें बेवफा समझना
हम दिल ही दिल में
तुमसे प्यार करते हैं।
बेवफाओं का शोर है यहाँ और,
तुम कहते हो,उल्फत है मुझसे।
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी।😢
रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो,
ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो !
कैसे गलत कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है !
तुम्हारी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
में बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगा !
एक बेवफा को हमने दिल में जगह दी थी,
ख़्वाबों की दुनिया अपनी उससे ही सजा दी थी।
वो बेवफा है तो क्या हुआ उसे बेवफा ही रहने दो,
हमने तो सच्ची मोहब्बत की थी हमे उनकी मोहब्बत का सताया ही रहने दो।
वैसे तो इश्क़ उन्हें भी हो जाता मगर,
दौलत की आंधी चली तो ये मोहब्बत भी इकतरफ़ा हो गयी।
आज कल उन्हे फुर्सत तक नहीं मिलती,
मुझे याद करने की…!!
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी…!!

अपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थी,
वर्ना हमको था मालूम कि तुम बेवफा हो जाओगे…!!
बेवफा वक़्त था? तुम थे? या मुकद्दर था मेरा?
बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला।
बेवफाई तो सब करते है पगली,
तु तो समजदार थी
कुछ नया कर लेती।
अगर निभाने का इरादा हो तभी प्यार करना
अपनी बेवफाई से किसी की जिंदगी के साथ
खेलने का तुम्हें कोई हक नहीं है।
रो पड़ा है आसमा भी मेरी वफ़ा को देख कर
देख तेरी बेवफाई की बात बादलों तक जा पहुंची।
वो बेवफा है ये जान कर भी
उस से प्यार किया है मैंने,
ऐसे गलत लोगो पर बहुत
वक़्त बर्बाद किया है मैंने।
गिला नहीं कि मेरे हाल पर हँसी है दुनिया
गिला तो ये है कि पहली हँसी तुम्हारी थी।😔
पत्थर दिल हूँ फरेबी हूँ और बहुत ज़्यादा ज़िद्दी भी हूँ,
क्योंकि अब मासूमियत खो दी मैंने वफ़ा करते-करते
वक़्त भी बेबस है आज,
वफ़ा की रात नहीं कट रही
और बेवफा खुश है इस रात से।
मैं तो तुम्हें किस्मत से भी छीन लाता
बस एक बार तूने ये कहा तो होता कि मैं तेरी हूं।
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने​​,
हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है।

इच्छाएं बड़ी बेवफ़ा होती हैं,
पूरी होते ही बदल जाती हैं।
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,
हमको जो भी मिला बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी,
हर कोई मकसद का तलबगार मिला।😥
वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान ,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे।

दर्द भरी बेवफा शायरी इन हिंदी 2 Line

वफा की उम्मीद भी हमको उनसे है,
जो बेवफाओं में शुमार है।
जिंदगी में एक बात तो सीख ली है कि,
हम हमेशा किसी के लिए खास नहीं होते
क्या पता था कि महोब्बत हो जायेगी,
हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा…!!
तुम कुछ गलत थे पर कुछ सही भी,
इसीलिए तुम हो भी और नहीं भी…!!
हर भूल तेरी माफ़ की तेरी हर खता को भुला दिया,
गम है कि मेरे प्यार का तूने बेवफाई सिला दिया…!!
जब आपको बिना गलती के सजा मिले,
तो उसे Bewafai कहा जाता है…!!
सीख कर गया है वो मोहब्बत मुझसे,
जिस से भी करेगा बेमिसाल करेगा…!!
हमसे न करिये बातें यूँ बेरुखी से सनम,
होने लगे हो कुछ-कुछ बेवफा से तुम…!!
हम इश्क में वफा करते करते बेहाल हो गए,
और वो बेवफाई करके भी खुशहाल हो गए…!!
याद वही आते हैं जो अक्सर दर्द देते हैं,
बनाकर अपना सफर में, अकेला छोड़ देते हैं।
एक बेवफा से मैंने प्यार क्या,
दिल देकर उस पर एतेबार क्या,
हमने तो समझ था उसे हम दर्द अपना,
मगर बनकर बेदर्द उसने, दिल पर मेरा वॉर किया।
जिनकी चैन से गुजरतीं हो रातें
वो हमसे बात क्या करेंगे
जिनके हो हजारो चाहने वाले
वो भला हमें याद क्या करेंगे
चले जाने दो बेवफा को किसी और की बाहों में,
जो मेरा ना हो सका वो किसी और का क्या होगा।
कुछ न मिला तो तेरा ही नाम लिखूंगा,
ओ बेवफा मैं तुझी पर सारे इल्जाम लिखूंगा…!!
जहाँ से जी ना लगे तुम वहीं बिछड़ जाना,
मगर खुदा के लिए बेवफाई ना करना…!!
तेरी बेवफाई का गम तो नहीं,
मगर तू बेवफा है दुःख ये भी कम नहीं…!!

तुम क्या जानो बेवफाई की हद ये दोस्त,
वो हमसे इश्क सीखता रहा किसी और के लिए…!!
उसने दोस्ती का ऐसा सिला दिया,
अपने मतलब के लिए उसने,
मेरी दोस्ती को भुला दिया…!!
अरे बेपनाह मोहब्बत की थी हमने तुझसे ओ बेवफा,
तुझे दुःख दूं ये न होगा कभी खुद मर जाऊं यहीं ठीक है…!!
प्रेम ने हम पर ये इल्जाम लगाया है,
वफ़ा कर के बेबफा का नाम आया हैं,
राहें अलग नहीं थी हमारी फिर भी,
हम ने अलग अलग मंज़िल को पाया हैं।
मत ज़िकर कीजिये मेरी अदा के बारे में,
मैं बहुत कुछ जानता हूँ वफ़ा के बारे में,
सुना है वो भी मोहब्बत का शोक़ रखते हैं,
जो जानते ही नहीं वफ़ा के बारे में।
लम्हा लम्हा सांसें खत्म हो रही हैं,
जिंदगी मौत के पहलू में सौ रही है,
उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह,
वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।
पलकों के किनारे हमने भिगोये ही नहीं,
वो सोचते हैं कि हम रोये ही नहीं,
वो पूछते हैं कि सपनो मैं किसे देखते हो,
हम हैं कि इतने सालो से सोये ही नहीं।

खतरनाक बेवफाई शायरी

दिल टूटेगा तो शिकायत करोगे तुम भी,
हम ना रहे तो हमे याद करोगे तुम भी,
आज कहते हो हमारे पास वक़्त नहीं हैं,
पर एक दिन मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे तुम भी।
जनाजा मेरा उठ रहा था,
तकलीफ थी उसको आने में,
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी,
और कितनी देर है इसको दफनाने में।
मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है
खुद बेवफ़ा हो के मुझसे वफ़ा मांग रहा है।
ऐसी भी कौन सी खताह हो गयी,
रात भी खाबों से बेवफ़ा हो गयी।
तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया है,
हम नहीं रोते लोग हमें देख कर रोते हैं।💔
है वो बेवफा तो क्या हुआ मत कहो बुरा उसको,
जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको…!!
वो कहता है कि मजबूरियां हैं बहुत,
साफ लफ़्ज़ों में खुद को बेवफा नहीं कहता…!!
इक उम्र तक मैं जिसकी जरुरत बना रहा,
फिर यूँ हुआ कि उस की जरुरत बदल गई…!!
मौसम भी इशारा करके बदलता है,
लेकिन तुम अचानक से बदले हो हमें यकीन नहीं आता…!!
काश कोई अपना संभाल ले मुझको,
बहुत कम बचा हूँ बिल्कुल दिसम्बर की तरह…!!
सुनने में आया है कि तुमने
नफ़रत की दुकान खोल ली है,
मेरी एक बात मानना थोड़ी मोहब्बत भी
रख लेना दिखावे के लिए काम आएगी
अब मुझे इस जिंदगी में किसी से कोई उम्मीद नहीं है
जिससे थी अब वही मेरी जिंदगी में नहीं है।
मेरी मोहब्बत सच्ची है इसलिए तेरी याद आती है
अगर तेरी बेवफाई सच्ची है तो अब याद मत आना।
तूने ही लगा दिया इलज़ाम बेवफाई का,
अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी।😭

नादाँ और नासमझं से कभी दिल ना लगाना,
वरना फालतू में पड़ेगा तुमको पछताना,
नहीं जानते वो प्यार की कीमत क्या होती है,
उनकी तो आदत ही होती है हर किसी से दिल लगाना।
वो मेरे जज़्बात समझे या ना समझे,
मुझे उनकी हर बात पर विश्वास करना होगा,
हम इस दुनिया को छोड़ देंगे,
लेकिन वे हर रात आंसू बहाएंगे।
कोई रिश्ता टूट जाये दुख तो होता है,
अपने हो जायें पराये दुख तो होता है,
माना हम नहीं प्यार के काबिल,
मगर इस तरह कोई ठुकराये दुख तो होता है।
उस इंसान के लिए आखिर कब तक रोता रहूँगा,
जो मुझे छोड़ कर किसी और के साथ खुश हैं।
प्यार में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था,
काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
तुम बदले तो मजबूरियाँ थी,
हम बदले तो बेवफ़ा हो गए…!!
याद रहेगा हमेशा यह दर्दे बेवफाई हमको भी,
कि क्या खूब तरसे थे जिंदगी में एक शख्स की खातिर…!!
वह रोयी तो होगी खाली कागज देखकर,
पूछा था उसने अब कैसे गुजर रही है जिंदगी…!!
तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई,
अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी…!!
तेरे हुस्न पे तारीफों भरी किताब लिख देता,
काश तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती…!!
उनकी सोहबत में गए सँभले दोबारा टूटे
हम किसी शख़्स को दे दे के सहारा टूटे।

लड़कियों के लिए बेवफा शायरी

अपना कंगन समझ रही हो क्या
और कितना घुमाओगी मुझको।
बहुत ही अजीब लड़की थी वो यार,
पहले मेरी ज़िन्दगी बदली फिर खुद ही बदल गयी 😢
काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें
उस बेवफ़ा को भूल न जाएँ तो क्या करें।
उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी,
अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने।
बेवफा लोगों को मुझसे बेहतर और कौन जान सकता है,
मैं तो वो दीवाना हूँ जिसने किसी की नफ़रत से भी मोहब्बत की है
मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़,
गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो।
अभी पास है तो ठोकर मारकर Bewafa बना देते हो,
जब दूर हो जाएंगे, तो प्यार जाताओगे…!!
कितनी भी Care कर लो,
Bewafai करने वाले बेवफा बन ही जाए हैं…!!
कोमल, दयालु लगते थे जो हसीन लोग,
वास्ता पड़ा तो कठोर और पत्थर के निकले…!!
अब मैंने खुद का धयान रखना शुरू कर दिया है,
क्योंकि धयान रखने वाले अब बदल चुके है…!!
हम गम, तन्हाई और जुदाई से मरते रहे,
और वो बेवफा बनके चुप बैठे रहे…!!
मेरी आँखों से बहने वाले न थमने वाले ये आँसूं,
बार बार तुमसे तुम्हारी बेवफाई का कारण पूछ रहे हैं…!!

फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं
फिर वही ज़िंदगी हमारी है।
आँखों की नींद दोनों तरह से हराम है
उस बेवफ़ा को याद करें या भुलाएँ हम।
मेरे दिल में तन्हाइयों का एक काफ़िला हुआ है,
जब से तेरे मेरे दरमियाँ ये फासला हुआ है
सब कुछ होते हुए भी इस दिल का दर्द नहीं जाता,
क्यूंकि किस्मत ने हमें Bewafa बना दिया।
जिससे हमने Bewafai पायी,
वो हमसे वफ़ा की उम्मीद करते हैं,
दिल पर जख़्म देके, निशान शरीर पर ढूंढ़ते हैं।
काश कैद कर ले वो पागल,
मुझे अपनी डायरी में
जिसका नाम छिपा होता है
मेरी हर शायरी में।
मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है,
खुद बेवफ़ा हो के मुझसे वफ़ा मांग रहा है…!!
इन्तहा हो गयी इंतज़ार की,
आयी ना कुछ खबर मेरे यार की,
ये हमें है यकीन बेवफा वो नहीं,
फिर वजह क्या हुई इंतज़ार की…!!
हमको दिल से भी निकाला गया, फिर शहर से भी,
हमको पत्थर से भी मारा गया, और जहर से भी…!!
तुम नहीं मिले तो क्या हुआ,
सबक तो मिल गया…!!
मेरे फन को तराशा है सभी के नेक इरादों ने,
किसी की बेवफाई ने किसी के झूठे वादों ने…!!
अपने जुल्म और सितम का हिसाब क्या दोगे,
जब खुद बेवफा हो उसका जवाब क्या दोगे…!!
अगर तुम अब भी मेरी हो जाओ तो मैं,
दुनिया की हर किताब से बेवफा लफ्ज मिटा दूंगा…!!
इंसान अपने आप में मजबूर है
बहुत कोई नहीं है बेवफ़ा अफ़्सोस मत करो।
तुम बदले तो मजबूरियाँ थी,
हम बदले तो बेवफ़ा हो गए।
बस यही सोचकर मैंने उससे कोई दवा नहीं मांगी,
जो ज़ख्म देता है वो दवा कैसे दे सकता है।
आज तो अवारस की बिरादरी में शामिल हो गया,
ले लो, मेरा प्यार भी आज अधूरा रह गया है।
इंसान अपने आप में मजबूर है
बहुत कोई नहीं है बेवफ़ा अफ़्सोस मत करो।
तुम बदले तो मजबूरियाँ थी,
हम बदले तो बेवफ़ा हो गए।
बस यही सोचकर मैंने उससे कोई दवा नहीं मांगी,
जो ज़ख्म देता है वो दवा कैसे दे सकता है।
आज तो अवारस की बिरादरी में शामिल हो गया,
ले लो, मेरा प्यार भी आज अधूरा रह गया है।
तू बेवफा है, ये मेने अब जान लिया है,
दिल के दर्द को तूने बदनाम किया है।
वो दिन याद आते जब तू कहती मोहब्बत है
अब वो दिन याद आते हैं जब तू बेवफा है।
वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे।
वो मोहब्बत भी तेरी थी वो नफ़रत भी तेरी थी,
वो अपनाने और ठुकरानी की अदा भी तेरी थी,
मे अपनी वफ़ा का इंसाफ़ किस से माँगता,
वो सहर भी तेरा था वो अदालत भी तेरी थी।
फूलों के साथ काँटे नसीब होते हैं,
ख़ुशी के साथ ग़म भी नसीब होता है,
यूँ तो मजबूरी ले डूबती हर आशिक को,
वरना खुशी से बेवफ़ा कौन होता है।
इक अजब हाल है कि अब
उस को याद करना भी बेवफ़ाई है।
हमने तो कबके उतार दिए तेरी मोहब्बत के सारे क़र्ज़,
अब हो सकें तो मेरे ज़ख़्मो का हिसाब करदो।
मैं भूल जाऊंगा कि आप खुद को बेवफा भूल गए हैं,
लेकिन मैं आपको दुनिया के सामने बेवफा कहकर बदनाम नहीं करूंगा।
किसी से इतनी उम्मीद न करें कि
आशा के साथ-साथ आप भी टूट जाएं।

बेवफा शायरी दिल टूटने वाली

मैं खुश था, मैं ठीक था,
जब मैं अकेला था,
जब तुम चले गए,
तुमने मुझे क्यों देखा?
कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,
तेरी सादगी में इतना फरेब था,
कि तुझे बेवफा भी न कह सका।
हमें क्या मालूम था उनकी दुनियां में हम जैसे हज़ारों हैं,
हम ही पागल निकले जो उन्हें पाकर मगरूर हो गए थे।
अब मायूस होकर क्यों बैठे हो उसकी बेवफाई पर ए दोस्त,
तुम खुद ही तो कहते थे वो सबसे अलग है।
क्या जानो तुम बेवफाई की हद दोस्तों,
वो हमसे इश्क सीखती रही किसी और के लिए।
कैसे यकीन करे हम तेरी मोहब्बत का
जब बिकती है बेवफाई तेरे ही नाम से।
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
हम बेवजह खुद को खुश नसीब समझने लगे।
जब तक न लगे एक बेवफाई की ठोकर,
हर किसी को अपने महबूब पे नाज़ होता है।
मोहब्बत से भरी कोई गजल उसे पसंद नहीं,
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं।
दिल्लगी की बात मत करो
मुझे ये सच्ची नहीं लगती,
बेवफा के मुँह से वफ़ा की बात
अच्छी नहीं लगती।
वफ़ा के नाम पर मुझसे बेवफाई कर गया कोई,
प्यार के नाम पर व्यापार कर गया कोई
चलो जी लेने दो उन्हें उनकी ज़िन्दगी को,
वैसे भी हम गुनाहगारों के मुँह नहीं लगा करते।
छोड़ दिया हमारा साथ तेरे इनकार के लिए,
अब तू खुश है तो ख़ुश रह, हम अब इंकार के लिए…!!
वादा किया था तुझसे ज़िंदगी भर का,
पर तूने धोखा दिया, अब इनकार क्या…!!
दिल में छुपा के रखा था तुझको,
तूने अपने दिल की सुनी, हमारी नहीं…!!
कुछ टूटने की खबर आंसू है,
हमारे जीवन का अखबार आँसू है,
घटनाएं सभी हल्की हैं,
फिर भी भारी आँसू निकल रहे हैं…!!

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